श्री महन्त राम गिरी जी महाराज
9415 025 019 /868 777 7007 25-September-2023
आदि गंगा मां गोमती नदी के तट पर मनकामेश्वर नगर लखनऊ लखनपुर में विराजमान श्री मनकामेश्वर महादेव बाबा त्रेताकालीन समय से जगमगा रहे हैं| इस मंदिर में भगवान शिव जी की विशाल दर्शनीय शिवलिंग है| मान्यता अनुसार यहां मनकामेश्वर बाबा रामायण काल के हैं| जब माता सीता को लक्ष्मण जी वनवास छोड़कर वापस अयोध्या जा रहे थे, तभी वह यहीं पर रात्रि विश्राम कर भोर में भगवान शिव की पूजा - अर्चना कर प्रस्थान किये| यहां पर पूजन उपरांत उनका मन शांत हुआ यही वजह है कि आज भी मनकामेश्वर द्वार प्रवेश के बाद ही स्वत: ही मन को शांति मिल जाती है
मां गोमती के तट पर स्थित मनकामेश्वर मठ - मंदिर अति प्राचीन शिवालयों में से एक है| इसका निर्माण राजा हर नव धनु ने अपने शत्रु पर विजय प्राप्त करने के बाद करवाया था| जिसकी चोटी 23 स्वर्ण कलशो से सुसज्जित थी| 12 वीं शताब्दी के यमनी आक्रमणकारियों ने इस मंदिर का सारा स्वर्ण लूट कर इस मंदिर को नष्ट कर दिया था, जो करीब 500 वर्ष पूर्व नागा साधुओ (जूना अखाडा) के द्वारा पुना निर्माण के बाद आज इस रूप में है| वर्तमान मंदिर का निर्माण कार्य सेठ पूरन चंद्र को कराने का पुण्य प्राप्त हुआ| तब इसे सर्राफा का शिवाला कहा जाने लगा था| वर्ष १९३३ के करीब इस मंदिर का नाम मनकामेश्वर मठ - मंदिर पड़ा|
जो भक्त मंदिर में श्रद्धा और विश्वास के साथ सच्चे ह्रदय से भगवान शिव जी की पूजा - अर्चना और सेवा करता है, उस भक्तों की मनोकामना भगवान शिव जी अवश्य पूरी करते हैं| इसी से महादेव जी को मनकामेश्वर बाबा के नाम से सुशोभित किया गया है| मनकामेश्वर मठ - मंदिर की देखभाल तथा व्यवस्था गुरु - शिष्य प्रणाली द्वारा होती चली आ रही है|
"आरती में उपस्थित होकर की गयी
मनोकामना पूर्ण होती है|"
सदैव से ही यही विधान है कि सोमवार को महादेव जी की आरती मनकामेश्वर मठ- मंदिर के वर्तमान महन्त ही करे|
(पूर्व महन्त से वर्तमान महन्त)
कई वर्षो पहले मंदिर झाड़ियों में था एक भक्त नित्य महादेव जी की सेवा तथा दर्शन करता था, भोले शंकर प्रसन्न हुए भक्तों को अपना चमत्कार दिखाया जिससे भक्त ने ग्रहस्थ आश्रम को त्याग कर गुरु दीक्षा लेकर सन्यास धारण किया गुरु ने नाम दिया राम गिरी आगे चलकर काका राम गिरी ही फक्कड़ काका कहलाये| बाद में श्री पंचदेश नाम जूना के पदाधिकारियों के द्वारा महन्त की गद्दी पर मनोनीत किया, वह २ फुट लाख की लकड़ी का सोटा रखते थे जो आज भी मठ - मंदिर में विराजित वर्तमान में 6 ठी पीढ़ी चल रही है|
10 जनवरी 2020 | शुक्रवार | पूर्णिमा |
09 फरवरी 2020 | रविवार | माघी पूर्णिमा |
09 मार्च 2020 | सोमवार | होलिका दहन (2 को होलिकाष्टक आरम्भ) |
08 अप्रैल 2020 | बुधवार | वैशाख सत्र प्रारम्भ, श्री हनुमान जयंती |
07 मई 2020 | गुरुवार | श्री बुद्ध जयंती / बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख सत्र समाप्त |
05 जून 2020 | शुक्रवार | पूर्णिमा ग्रहण (21 जून 2020 को दिन 09:15 से 03:05 मिनट तक) |
05 जुलाई 2020 | रविवार | पूर्णिमा |
02 अगस्त 2020 | रविवार | पूर्णिमा |
02 सितम्बर 2020 | बुधवार | पूर्णिमा |
01 अक्टूबर 2020 | गुरुवार | पूर्णिमा |
30 अक्टूबर 2020 | शुक्रवार | शरद पूर्णिमा |
30 नवम्बर 2020 | सोमवार | देव दीपावली, गुरु नानक जयंती |
30 दिसम्बर 20220 | बुधवार | पूर्णिमा ग्रहण (14 दिसम्बर 2020 को रात्रि 07:00 बजे से 12:15 मिनट तक) |
पता - मनकामेश्वर उपवन घाट (निकट मनकामेश्वर मठ-मंदिर), डालीगंज, लखनऊ फोन -9140 772 667, 9415 025 019 |